कल अचानक मेरी निगाह दैनिक जागरण और प्रभात खबर में प्रकाशित इस खबर पर पडी कि ब्लॉग अकादमी हेतु तैयारियां शुरू हो गयी है और यह वेहद ख़ुशी की बात है कि इसके प्रारूप पर मधेपुरा के ब्लॉगर और प्रखर साहित्यकार भाई अरविन्द श्रीवास्तव ने कार्य प्रारंभ कर दिया है . इस विषय पर जब मैंने दूरभाष पर रवीन्द्र प्रभात जी से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि "अकादमी के गठन पर अभी काफी कार्य करना होगा . हमें एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना होगा. यदि इस प्रक्रिया को हनुमान कूद की संज्ञा दी जाए तो शायद न किसी को अतिश्योक्ति होगी और न शक की गुंजायश हीं . इस विषय पर प्रथम चरण में हम हिंदी तथा विभिन्न भारतीय भाषाओं के प्रखर विद्वानों से गहन मंत्रणा कर रहे हैं ताकि किसी ठोस नतीजे पर पहुंचा जा सके ."
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि " जब ब्लॉग अकादमी की परिकल्पना की गयी थी तब मैं लखनऊ ब्लॉगर असोसिएशन का अध्यक्ष था और उस समय मैंने लखनऊ ब्लॉगर असोसिएशन और परिकल्पना के संयुक्त तत्वावधान में इसे मूर्त रूप देने की सोची थी . व्यस्तताओं के कारण मैंने स्वयं को एल बी ए के नेतृत्व से अलग कर दिया, किन्तु मैं आज भी भावनात्मक रूप से एल बी ए के समस्त सदस्यों से जुड़ा हूँ . इसलिए संभव है कि आने वाले दिनों में जब ब्लॉग अकादमी की कार्यकारणी का गठन होगा तो उसमें एल बी ए के भी कुछ प्रगतिशील सदस्य शामिल होंगे .साथ हीं इससे कुछ प्रारंभिक और तकनीकी ब्लॉगर्स को जोड़ा जाएगा . विभिन्न भारतीय भाषाओं के कुछ वरिष्ठ और अनुभवी साहित्यकारों के साथ -साथ रंगकर्मी -संस्कृतिकर्मी और पत्रकारों को भी. ताकि वृहद् और व्यापक सोच को मूर्तरूप दिया जा सके."
उन्होंने बताया कि आगामी ९-१० दिसंबर को कल्याण(मुम्बई) में पहली बार यु. जी. सी. की ओर से सरकारी स्तर पर दो दिवसीय ब्लॉगर संगोष्ठी आयोजित की जा रही है जहां एक साथ कुछ अनुभवी ब्लॉगर उपस्थित होकर इस दिशा में आगामी महत्वपूर्ण कार्यक्रमों पर विचारविमर्श करेंगे. अब तक प्राप्त सूचना के अनुसार इसमें रवि रतलामी (भोपाल),अशोक मिश्र (मेरठ),अविनाश वाचस्पति(दिल्ली), शैलेश रतवासी(दिल्ली),सिद्दार्थ शंकर त्रिपाठी (लखनऊ) आदि ब्लौगरों के साथ-साथ मैं भी शिरकत कर रहा हूँ. वहां से मैं ११ दिसंबर को कल्याण से लौटने के बाद मैं १५ दिसंबर को बैंकॉक के लिए प्रस्थान कर जाऊंगा जहां चतुर्थ अन्तराष्ट्रीय हिंदी सम्मलेन आयोजित है . यह सम्मलेन १५ से २१ तक थाईलैंड के विभिन्न शहरों यथा बैंकॉक,पटाया, कौल्हौर्न,आईलैंड में आयोजित होंगे. १७ दिसंबर को बैंकॉक में मुझे ब्लॉगिंग में उल्लेखनीय कार्य हेतु सृजन श्री सम्मान से सम्मानित किया जाएगा. २२ दिसंबर को मैं लखनऊ वापस आ रहा हूँ जिसके बाद वहुप्रतिक्षित परिकल्पना ब्लॉग विश्लेषण पर कार्य करूंगा."
श्री रवीन्द्र प्रभात ने यह भी कहा कि "अकादमी के गठन में मुझे सबके सुझाव चाहिए . हर किसी के महत्वपूर्ण सुझाव का सम्मान किया जाएगा. उसे गठन की प्रक्रिया में सम्मिलित किया जाएगा. इसलिए इस दिशा में हर किसी के सुझाव अपेक्षित है."
यह पोस्ट लिखे जाने तक आज के हिन्दुस्तान में भी इस आशय की खबर प्रकाशित हुई है ,जो इसप्रकार है :
54 टिप्पणियां:
मेरी ओर से ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ । बहुत अच्छा कार्य,आप को अनेकोनेक बधाई । धन्यवाद ।
अच्छा प्रयास।
शुभकामनाएं.....
इस क्षेत्र में इस तरह के कार्य करने की आवश्यकता है।
arey waah... dher saari shubhkaamnayen...
aur yadi kisi sujhaav ki baat hai, to abhi ham itne bade nahi hue ki aapko sujhaav de saken... parantu sirf ek guzarish hai, ki Hindi blog jagat mei jo afwaahen hai partiality ki, grouping ki ya beimaani ki... aisi cheezon se Academy ko door hi rakha jaaye to behtar hoga... :)
स्वागत है भाई, आपके नेतॄत्व में यह अभियान पूरा होगा और हम समझते हैं कि समझदार लोगों की बहुलता से यह सहज बन पड़ेगा...
.... ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ ....अच्छा प्रयास
अच्छा प्रयास।
शुभकामनाएं.....
आपका प्रयास सराहनीय है!
शुभकामनाएँ!
७ दिसंबर को बैंकॉक में मुझे ब्लॉगिंग में उल्लेखनीय कार्य हेतु सृजन श्री सम्मान से सम्मानित किया जाएगा...
अनेकोनेक बधाई v शुभकामनाएँ.....!1
आप सबों को बहुत बहुत शुभकामनाएं !!
अच्छा प्रयास...... शुभकामनाएं.....
इस कार्य की आवश्यकता ह .....
बहुत सार्थक प्रयास का शुभारम्भ होने जा रहा है....शुभकामनाएं
नीरज
मैं इस तरह वर्चुअल स्पेस को संस्थागत रुप दिए जाने के सख्त खिलाफ हूं। ये ब्लॉग लेखन की प्रकृति के प्रतिकूल है। आप सबों ने ब्लॉग के शुरुआती दौर के मिजाज से इसके विकासक्रम को देखा होगा तो मेरी बात पर सहज ही यकीन करेंगे। ये दरअसल मुख्यधारा की मीडिया की मठाधीशी के खिलाफ शुरु हुआ था और अब यहां भी यही सब शुरु हो रहा है। ये आगे चलकर कूड़ा-कबाड़ा और मसखरई का अड्डा साबित होगा,इससे ज्यादा कुछ नहीं। माफ कीजिएगा,मैं सुझाव के बजाय असहमति दर्ज करता हूं।
हरकीरत जी,
ब्लॉगिंग में उल्लेखनीय कार्य हेतु मुझे नहीं बैंकॉक में रवीन्द्र प्रभात जी को सृजन श्री से सम्मानित किया जाना है,शुभकामनाएं मुझे नहीं, रवीन्द्र प्रभात जी को दीजिये जिन्होंने इस दिशा में सार्थक पहल की है !
hamari aur se bhi shubhkamnayen.........
विनीत जी सहमति-असहमति अपनी जगह है ...यह तो चलता रहता है, आपका कहना जायज है,किन्तु क्या बिना इसप्रकार की पहल किये कोई सार्थक कार्य हो सकता है ?
अच्छा प्रयास। शुभकामनाएं।
अच्छा प्रयास...
शुभकामनाएं.....
बधाई एवं शुभकामनाएं
शुभकामनाएँ । बहुत अच्छा कार्य...........
Vineet Kumar se sahmat..
''अकादमी', 'परिषद्' आदि शब्दों का उपयोग केवल सरकारी स्तर पर होता है. निजीतौर पर इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. जब पंजीयन कराएँगे, तो पंजीयन कार्यालय आपत्ति करेगा. अगर पंजीयन करना है तो ''अकादमी' की जगह कोई और दूसरा शब्द रखना होगा. जैसे, 'ब्लाग संघ', संगठन, मंच, आदि. प्रयास अच्छा है. सार्थक ब्लागरों का मंच होना ही चाहिए.
अच्छा प्रयास।
शुभकामनाएं.....
तकनिकी रूप से गिरीश भाई ने सही बात कही है और सलाह भी उनकी सही है. यदि इसी के अनुरूप चला जाये तो सफलता मिलनी ही है. एक बात यह साफ होनी चाहिए कि,प्रस्तावित संसथान का उद्दश्य क्या होगा, जैसा अकादमी शब्द से से परिचित है, कि इसमें ब्लॉग सिखने वालों को प्रशिक्षण दिया जायेगा, और सफल प्रशिक्षनार्थी को डिग्री या डिप्लोमा या प्रमाणपत्र, लेकिन इसकी उपयोगिता क्या होगी, या बी तय होनी चाहिए.
वैसे मैं आपके पवित्र प्रयास में हर प्रकार से साथ हूँ,सिर्फ शुभकामनाओं से कम नहीं चलता,
धन्यवाद आपका अच्छी चीज लेन की उर्वर सोच के लिए,
आपकी पोस्ट की खबर हमने ली है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - रोज़ ना भी सही पर आप पढ़ते रहेंगे - ब्लॉग बुलेटिन
गिरीश और अरुण जी,
आप अनुभवी हैं ,आपके सुझाव अच्छे हैं, किन्तु जहां तक मेरी व्यक्तिगत मान्यता है की निजी स्तर पर प्रयास करने से ही धीरे-धीरे शासन -प्रशासन और सरकारी नुमायंडे रजामंद होते है. प्रयास करने में बुराई क्या है ? अब तो यु जी सी के तरफ से ब्लॉगिंग संगोष्ठी आयोजित हो रही है. नन्ही ब्लॉगर अक्षिता को राष्ट्रीय महिला और वाल कल्याण परिषद् सम्मानित कर रहा है . ऐसे में प्रयास किया जाय तो अकादमी की मंजूरी भी कराई जा सकती है. हर बड़े काम के लिए किसी न किसी को तो आगे आना ही पड़ता है.
बड़ा ही सार्थक व भविष्य को ध्यान में रखकर किया हुआ प्रयास।
रवींद्र जी अरविन्द जी और इसमें शामिल सभी सदस्यों को हार्दिक शुभ कामनाएं बहुत ही सुन्दर प्रयास है और सफलता के सारे योग हैं
जैसा की गिरीश जी ने नाम और सकारी तिकड़म मान्यता आदि के बारे में कहा है उस पर विचार करना होगा
और इस तरह की दिक्कत में अन्य नाम का चयन कर रखना होगा ..अभी बाल ब्लॉग में नन्ही ब्लागर अक्षिता पाखी को सम्मान मिला तो सरकार का ध्यान इस तरफ जा रहा है जो की सहायक होगा हिंदी ब्लागिंग के इस नायाब कदम और सिद्धि में
भ्रमर 5
शुभकामनाएं.....
हा हा हा हा अच्छा है व्यापार भी शुरू हो आखिर नये मुर्गे हिंदुस्तान मे मिल ही जाते हैं। वैसे नये लोहो कमेंट पाने के तरीके ही सिखाना हो तो काम बड़ा पेचीदा नही है :) :) :)
लोगो को
आदरणीय महेइय गिरीषजी तथा अरूण जी के सुझााव ब्सवहारिक तथा उपयोगी हैं वैसे भी अकादमी बहुत भारी भरकम नाम लगता हे। ब्लाकर अकादमी के स्थान पर भारतीय चिट्ठाकारी संस्थान
के नाम पर भी विचार किया जाना चाहिये
पहल हिंदी ब्लागर्स को एक करके संघंटन तो बने... फिर अन्य भाषाओं को जोड़ने की बात होगी॥
शुभकामनायें .... बहुत अच्छा प्रयास है ..बस जो ऊपर सभी ने कहा की गुणवता बनी रहनी चाहिए ...और गुणी लोंगों की क्षमता दुनिया के सामने आनी चाहिए जिसके लिए कुछ ऐसे कदम उठाए ही जाने चाहिए.. best of luck..
बहुत अच्छा कार्य,बधाई .
ब्लॉग अकादमी बनाना ही चाहिए और इस कार्य में मुझसे जो सहयोग हो सकेगा अवश्य करूँगा | कृपया निःसंकोच हो कर बताएं |
ढ़ेरों शुभकामनाओं के साथ...
बहुत शुभकामनायें !
nice
अच्छा प्रयास...शुभकामनाएं !
बहुत बहुत शुभकामनायें
अच्छा प्रयास है | उसे शीघ्रता से अंजाम दिया जाना चाहिए |
saarthak prayas ke liye shubh kamnayen.
बड़ा ही सार्थक व भविष्य को ध्यान में रखकर किया हुआ प्रयास।
अगर एक अच्छी अकादमी बन पाए तो यह उपयोगी और ब्लागरों के उत्साह को बढ़ाने वाली खबर है। फिलहाल तो हम भी अच्छा होने की ही उम्मीद लगाए बैठे हैं। गिरोहबाजों के चंगुल में फंसकर कई अच्छी योजनाएं भी कालकवलित हो रही हैं।.............।
शुभकामनाऍं।
विनीत कुमार की राय से सहमत।
इस प्रयास की परिणति कालान्तर में आरोप-प्रत्यारोप के आगे भी होने वाली गतिविधियों में होगी।
इसके अलावा वह होगा जैसा दिनेश राय द्विवेदी जी ने कहा-
कुछ लोगों के लिए स्थाई रोजगार का जुगाड़ , फिर उन्हें प्रसन्न करने वालों की पंक्तियाँ, फिर कुछ विवाद फिर उन विवादों पर गर्मागर्म ब्लाग पोस्टें। सचमुच बड़ा आनन्द आएगा।
जिले/राज्यों के नाम पर बनने वाली ब्लागर एशोसियेशनों की मुख्य खबरें ब्लागर मिलन तथा अध्यक्ष/उपाध्यक्ष चुनना बरखास्त करना रहा है अभी तक। इस मामले में लखनऊ ब्लागर एशोसियेशन का इतिहास सबसे बेहतरीन रहा है जहां सबसे ज्यादा अध्यक्ष चुने/बरखास्त किये गये हैं।
हमारी भी शुभकामनाएँ ।
मैं आपकी बातों से सहमत हूँ अनूप जी, किन्तु इस आशंका से ग्रस्त होकर क्या इस प्रकार की पहल को रोकने से फ़ायदा क्या ? मेरा मानना है की प्रगति के लिए ये सब होते रहना चाहिए !
मनोज भाई के विचारों से सहमत हूँ !
बहुत अच्छा कार्य,आप को अनेकोनेक बधाई । धन्यवाद ।
अशोक शुक्ला जी के विचारों से सहमत ब्लाकर अकादमी के स्थान पर भारतीय चिट्ठाकारी संस्थान
के नाम पर भी विचार किया जाना चाहिये...!
आप सभी ने जो सुझाव दिए हैं उसपर हम गहन मंत्रणा कर रहे हैं ताकि विवादों से बचा जा सके !
हमारी भी शुभकामनाएँ ।
बहुत सुन्दर और उत्साहवर्द्धक ख़बर...आभार ओर बधाई
योजना से असहमत।
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