सोमवार, 25 अप्रैल 2011

रवीन्द्र प्रभात और महेंद्र सिंह धोनी में क्या समानताएं है ?

रवीन्द्र प्रभात जी हिंदी ब्लॉगजगत के  एक ऐसे धूमकेतु है, जो महेंद्र सिंह धोनी की तरह दो प्रदेशों से ताल्लुक रखते हैं, उत्तर प्रदेश और बिहार से . उल्लेखनीय है कि रवीन्द्र प्रभात मूलत: उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद के रहने वाले हैं, किन्तु इनका जन्म और इनकी परवरिश हुई है बिहार के सीतामढ़ी में, जहां इनके पिता बिहार सरकार के चकबंदी विभाग में कार्यरत थे, वहीँ से वे सेवानिवृत भी हुए हैं .



अपने प्रारंभिक दिनों में रवीन्द्र प्रभात सीतामढ़ी के एक डिग्री कॉलेज में भूगोल पढ़ाते थे .  ने नब्बे के दशक में स्थानीय स्तर पर ही जीविकोपार्जन के साथ साहित्य साधना और काब्य यात्रा की शुरूआत की। वे स्थानीय स्तर पर वरिष्ठ पत्रकार नरेन्द्र कुमार के संपादकत्व में तबके लोकप्रिय समाचार पत्र खोजबीन पाक्षिक सहित तत्कालीन विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में नियमित छपते रहें हैं। श्री प्रभात अंतरंग संस्था के माध्यम से साहित्यिक, सांस्कृतिक व सामाजिक गतिविधियों से भी जुड़े रहें। तबके बिहार शिक्षा परियोजना के वातावरण निर्माण व लोक भागीदारी उप-समिति के बाल मेला के आयोजन व विभागीय पत्रिका भोर के प्रकाशन में सक्रिय रहें। इस दौरान फगुनहट का प्रकाशन सहित काब्य गोष्ठियों के आयोजन में अनवरत जुड़े रहें। बाद में बेहतर जीविकोपार्जन के अवसर मिलने पर उत्तर प्रदेश के एक कॉपरेरेट कम्पनी से जुड़ गये और सम्प्रति इसके लखनऊ स्थित प्रशासनिक कार्यालय में ऊॅंचे ओहदे के साथ कार्यरत हैं। जहॉं काब्य सृजन, साहित्य चिंतन, लेखन के साथ साथ रचनाधर्मिता के अभिनव प्रयोग की यात्रा निरन्तर चल रही है। अब ये पूरी तरह से लखनऊ के वाशिंदे हैं और यहीं से हिंदी ब्लॉगिंग के नए युग का शंखनाद कर रहे हैं !

यह रहस्योद्घाटन किया है राष्ट्रीय सहारा के पटना संस्करण में आज दिनांक २५.०४.२०११ को प्रकाशित एक वृहद् रपट ने, लीजिए आप भी महसूस कीजिए  रवीन्द्र प्रभात जी के वृहद् प्रभामंडल को :

यह फीचर बिहार के सभी संस्करणों में एक साथ भिन्न-भिन्न रूपों में भिन्न-भिन्न एंगिल से एक साथ प्रकाशित किया गया है ....... इसे आप ऑन लाईन भी  भी राष्ट्रीय सहारा के इस यु आर एल : http://rashtriyasahara.samaylive.com/epapermain.aspx?queryed=13 पर किलिक करके १० वें पृष्ठ पर जाकर पढ़ सकते है !