शनिवार, 19 नवंबर 2011

ब्लॉग अकादमी हेतु तैयारियां शुरू,आपके सुझाव आमंत्रित


कल अचानक मेरी निगाह दैनिक जागरण और प्रभात खबर में प्रकाशित इस खबर पर पडी कि ब्लॉग अकादमी हेतु तैयारियां शुरू हो गयी है और यह वेहद ख़ुशी की बात है कि इसके प्रारूप पर मधेपुरा के ब्लॉगर और प्रखर साहित्यकार भाई अरविन्द श्रीवास्तव ने कार्य प्रारंभ कर दिया है . इस विषय पर जब मैंने दूरभाष पर रवीन्द्र प्रभात जी से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि "अकादमी के गठन पर अभी काफी कार्य करना होगा . हमें एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना होगा. यदि इस प्रक्रिया को हनुमान कूद की संज्ञा दी जाए तो शायद न किसी को अतिश्योक्ति होगी और न शक की गुंजायश हीं . इस विषय पर प्रथम चरण में  हम हिंदी तथा विभिन्न भारतीय भाषाओं के प्रखर विद्वानों से गहन मंत्रणा कर रहे हैं ताकि किसी ठोस नतीजे पर पहुंचा जा सके ."

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि " जब ब्लॉग अकादमी की परिकल्पना की गयी थी तब मैं लखनऊ ब्लॉगर असोसिएशन का अध्यक्ष था और उस समय मैंने लखनऊ ब्लॉगर असोसिएशन और परिकल्पना के संयुक्त तत्वावधान में इसे मूर्त रूप देने की सोची थी . व्यस्तताओं के कारण मैंने स्वयं को एल बी ए के नेतृत्व से अलग कर दिया, किन्तु मैं आज भी भावनात्मक रूप से एल बी ए के समस्त सदस्यों से जुड़ा हूँ . इसलिए संभव है कि आने वाले दिनों में जब ब्लॉग अकादमी की कार्यकारणी का गठन होगा तो उसमें एल बी ए के भी कुछ प्रगतिशील सदस्य शामिल होंगे .साथ हीं इससे कुछ प्रारंभिक और तकनीकी ब्लॉगर्स को जोड़ा जाएगा . विभिन्न भारतीय भाषाओं के कुछ वरिष्ठ और अनुभवी साहित्यकारों के साथ -साथ रंगकर्मी -संस्कृतिकर्मी और पत्रकारों को भी. ताकि वृहद् और व्यापक सोच को मूर्तरूप दिया जा सके."

उन्होंने बताया कि आगामी ९-१० दिसंबर को कल्याण(मुम्बई) में पहली बार यु. जी. सी. की ओर से सरकारी स्तर पर दो दिवसीय ब्लॉगर संगोष्ठी आयोजित की जा रही है जहां एक साथ कुछ अनुभवी ब्लॉगर उपस्थित होकर इस दिशा में आगामी महत्वपूर्ण कार्यक्रमों पर विचारविमर्श करेंगे. अब तक प्राप्त सूचना के अनुसार इसमें रवि रतलामी (भोपाल),अशोक मिश्र (मेरठ),अविनाश वाचस्पति(दिल्ली), शैलेश रतवासी(दिल्ली),सिद्दार्थ शंकर त्रिपाठी (लखनऊ) आदि ब्लौगरों के साथ-साथ मैं भी शिरकत कर रहा हूँ. वहां से मैं ११ दिसंबर को कल्याण से लौटने के बाद मैं  १५ दिसंबर को बैंकॉक के लिए प्रस्थान कर जाऊंगा जहां चतुर्थ अन्तराष्ट्रीय हिंदी सम्मलेन आयोजित है . यह सम्मलेन १५ से २१ तक थाईलैंड के विभिन्न शहरों यथा बैंकॉक,पटाया, कौल्हौर्न,आईलैंड में आयोजित होंगे. १७ दिसंबर को बैंकॉक में मुझे ब्लॉगिंग में उल्लेखनीय कार्य हेतु सृजन श्री सम्मान से सम्मानित किया जाएगा. २२ दिसंबर को मैं लखनऊ वापस आ रहा हूँ जिसके बाद वहुप्रतिक्षित परिकल्पना ब्लॉग विश्लेषण पर कार्य करूंगा."

श्री रवीन्द्र प्रभात ने यह भी कहा कि "अकादमी के गठन में मुझे सबके सुझाव चाहिए . हर किसी के महत्वपूर्ण सुझाव का सम्मान किया जाएगा. उसे गठन की प्रक्रिया में सम्मिलित किया जाएगा. इसलिए इस दिशा में हर किसी के सुझाव अपेक्षित है."




यह पोस्ट लिखे जाने तक आज के हिन्दुस्तान में भी इस आशय की खबर प्रकाशित हुई है ,जो इसप्रकार है : 


शनिवार, 12 नवंबर 2011

लोकसंघर्ष सुमन प्रब्लेस के कार्यवाहक अध्यक्ष मनोनीत

१७ फरवरी २०१२ को प्रगतिशील ब्लॉग लेखक संघ एक वर्ष का हो जाएगा . उल्लेखनीय है कि १७ फरवरी २०११ को ज्ञानरंजन जी के घर से लौटकर गिरीश बिल्लोरे मुकुल जी ने इस साझा ब्लॉग पर पहला पोस्ट डाला था. ज्ञान रंजन जी प्रगतिशील विचारधारा के अग्रणी संपादकों और सर्जकों में से एक हैं . उनसे और उनकी यादों इस साझा ब्लॉग का शुभारंभ होना अपने आप में गर्व की बात है. मुझे याद है जब इस साझे ब्लॉग की परिकल्पना मैंने की थी,तब मुझे कतई इस बात का भान नहीं था कि यह धीरे-धीरे एक प्रतिबद्ध संगठन का रूप ले लेगा

मगर हाँथ कंगन को आरसी क्या ? आज मुझे इस बात का फक्र है कि इस साझे ब्लॉग से रवीन्द्र प्रभात,अविनाश वाचस्पति,अशोक कुमार पाण्डेय,कौशलेन्द्र,तेजवानी गिरधर,निर्मला कपिला,एडवोकेट रणधीर सिंह सुमन,डा. जाकिर अली रजनीश,एस.एम्. मासूम,अख्तर खान अकेला, रश्मि प्रभा जी जैसे अनेक प्रगतिशील बलॉगर जुड़े और इस साझे ब्लॉग के माध्यम से प्रगतिशील चिंतनधारा को आगे बढाया.

आपको याद होगा कि २० फरवरी २०११ को सार्वजनिक रूप से मेरे द्वारा यह घोषणा की गयी थी कि "प्रगतिशील ब्लॉग लेखक संघ के रूप में एक ऐसे अंतर्राष्ट्रीय मंच का गठन किया गया है जहां हम आपके प्रगतिशील विचारों को सामूहिक जनचेतना से जोड़कर हिंदी की समृद्धि की दिशा में कार्य करते हुए उसे एक नया आयाम देंगे,जो- अकेले संभव नहीं, हमें आपका साथ चाहिए .......हमारी कोशिश है कि इस सामूहिक ब्लॉग से वरिष्ठ और अनुभवी चिट्ठाकारो को जोड़ा जाए और उनके माध्यम से नए और प्रतिभावान लेखकों/चिट्ठाकारों को अंतर्राष्ट्रीय फलक पर खुलकर अपनी चिंतनधारा को प्रवाहित करने का अवसर प्रदान किया जाए !इसके लिए हम समय-समय पर देश के प्रमुख शहरों में गोष्ठी/सेमीनार और कार्यशालाओं के आयोजन पर विचार कर रहे हैं ,साथ ही इस सशक्त मंच के सुचारू रूप से संचालन हेतु एक सलाहकार मंडल के चयन की भी हमारी योजना है !यदि आप चाहते हैं कि आपकी प्रगतिशील चिंतनधारा व्यापक जनचेतना से जुड़कर पूरी दुनिया में फैले, तो इस मंच पर आपका स्वागत है, आपको केवल अपना नाम,शहर और ई-मेल आई डी नीचे टिपण्णी बॉक्स में अंकित कर देना है !"

मुझे इस बात की ख़ुशी है कि प्रगतिशील ब्लॉग लेखक संघ से जुड़े २५ सदस्यों ने अपने अमूल्य सुझाव प्रेषित किये जिसमें से १६ सदस्यों ने इस संगठन के नेतृत्व की जिम्मेदारी रवीन्द्र प्रभात जी को सौंपने की बात कही. किसी ने उन्हें मुख्य निर्णायक तो किसी ने अध्यक्ष बनाने की अनुशंसा की . इन्हीं अनुशंसाओं के आधार पर मैंने आदरणीय रवीन्द्र प्रभात जी से प्रब्लेस के अध्यक्ष पद स्वीकार करने का अनुरोध किया, किन्तु उन्होंने बार-बार यह कहकर अस्वीकार कर दिया कि "मैं ऐसे महत्वपूर्ण पद के निर्वहन हेतु स्वयं को अक्षम मानता हूँ . आप किसी सुलझे हुए बलॉगर यह जिम्मेदारी दें और जब कभी भी मेरी आवश्यकता महसूस हो मेरा सहयोग और सुझाव दोनों ले लिया करें . मैं हमेशा प्रब्लेस के साथ खडा रहूँगा. इस बात का विश्वास दिलाता हूँ ."

उन्हें मनाने का क्रम विगत छ: महीने से चल रहा था,क्योंकि मेरा मानना है कि रवीन्द्र जी हिंदी ब्लॉग जगत के वेहद समर्पित और सकारात्मक चिट्ठाकारों में से एक हैं और उनके नेतृत्व में निश्चित रूप से प्रब्लेस नया कीर्तिमान स्थापित करने में कामयाब हो सकता है. खैर हमें फरवरी माह में प्रब्लेस का प्रथम महाधिवेशन मनाना है और मैंने तय किया है कि इस महाधिवेशन में हम अपने नए अध्यक्ष का विधिवत चुनाव करेंगे, कार्यकारणी का गठन करेंगे और तमाम पदाधिकारियों का चुनाव करते हुए इसे एक मजबूत संगठन का रूप देंगे . संभव है प्रब्लेस का प्रथम वार्षिक महाधिवेशन लखनऊ में ही हो. 

इसलिए प्रथम वार्षिक महा अधिवेशन से पूर्व एडवोकेट रणधीर सिंह सुमन को प्रब्लेस के कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी प्रदान की जा रही है ,क्योंकि प्रगतिशील ब्लॉग लेखक संघ के मनोनीत कार्यवाहक अध्यक्ष श्री रणधीर सिंह सुमन हिंदी ब्लॉग जगत के चर्चित ब्लॉग पोर्टल "परिकल्पना ब्लॉगोत्सव"/लोकसंघर्ष तथा वटवृक्ष पत्रिका के प्रबन्ध सम्पादक तथा बाराबंकी जनपद के वरिष्ठ फौजदारी अधिवक्ता हैं साम्यवादी विचारधारा से गहरे प्रभावित हैं और ब्लॉगजगत में लोकप्रिय भी।

उनका मानना है कि प्रब्लेस के केन्द्र में मनुष्य की सामूहिक चिंताएं है इसीलिए इसे व्यक्तिगत मनोविनोद,जय-पराजय, सुख-दुख से ऊपर सामूहिक प्रेम, बन्धुत्व, स्वतंत्रता और समानता को प्रस्तुत करने का माध्यम बनाना होगा । नये मूल्यों के अनुरूप वर्ग, वर्ण,संप्रदायों और जातियों बंटकर ब्लोगिंग करने की प्रवृति से ऊपर उठना होगा ।

मुझे उम्मीद हीं नहीं वरन पूरा विश्वास है कि श्री सुमन जी के नेतृत्व में प्रगतिशील चिट्ठाकारों और चिट्ठों के हित में कार्य करने हेतु ज्यादा से ज्यादा ब्लोगरों को इससे जोड़ा जाएगा और उनके माध्यम से एक नई क्रान्ति की प्रस्तावना की जायेगी इस आन्दोलन को एक मुकाम तक पहुंचाना है, केवल आप प्रबुद्ध जनों का साथ चाहिए !

शुभकामनाओं के साथ-
आपका-
मनोज पाण्डेय