१७ फरवरी २०१२ को प्रगतिशील ब्लॉग लेखक संघ एक वर्ष का हो जाएगा . उल्लेखनीय है कि १७ फरवरी २०११ को ज्ञानरंजन जी के घर से लौटकर गिरीश बिल्लोरे मुकुल जी ने इस साझा ब्लॉग पर पहला पोस्ट डाला था. ज्ञान रंजन जी प्रगतिशील विचारधारा के अग्रणी संपादकों और सर्जकों में से एक हैं . उनसे और उनकी यादों इस साझा ब्लॉग का शुभारंभ होना अपने आप में गर्व की बात है. मुझे याद है जब इस साझे ब्लॉग की परिकल्पना मैंने की थी,तब मुझे कतई इस बात का भान नहीं था कि यह धीरे-धीरे एक प्रतिबद्ध संगठन का रूप ले लेगा
मगर हाँथ कंगन को आरसी क्या ? आज मुझे इस बात का फक्र है कि इस साझे ब्लॉग से रवीन्द्र प्रभात,अविनाश वाचस्पति,अशोक कुमार पाण्डेय,कौशलेन्द्र,तेजवानी गिरधर,निर्मला कपिला,एडवोकेट रणधीर सिंह सुमन,डा. जाकिर अली रजनीश,एस.एम्. मासूम,अख्तर खान अकेला, रश्मि प्रभा जी जैसे अनेक प्रगतिशील बलॉगर जुड़े और इस साझे ब्लॉग के माध्यम से प्रगतिशील चिंतनधारा को आगे बढाया.
आपको याद होगा कि २० फरवरी २०११ को सार्वजनिक रूप से मेरे द्वारा यह घोषणा की गयी थी कि "प्रगतिशील ब्लॉग लेखक संघ के रूप में एक ऐसे अंतर्राष्ट्रीय मंच का गठन किया गया है जहां हम आपके प्रगतिशील विचारों को सामूहिक जनचेतना से जोड़कर हिंदी की समृद्धि की दिशा में कार्य करते हुए उसे एक नया आयाम देंगे,जो- अकेले संभव नहीं, हमें आपका साथ चाहिए .......हमारी कोशिश है कि इस सामूहिक ब्लॉग से वरिष्ठ और अनुभवी चिट्ठाकारो को जोड़ा जाए और उनके माध्यम से नए और प्रतिभावान लेखकों/चिट्ठाकारों को अंतर्राष्ट्रीय फलक पर खुलकर अपनी चिंतनधारा को प्रवाहित करने का अवसर प्रदान किया जाए !इसके लिए हम समय-समय पर देश के प्रमुख शहरों में गोष्ठी/सेमीनार और कार्यशालाओं के आयोजन पर विचार कर रहे हैं ,साथ ही इस सशक्त मंच के सुचारू रूप से संचालन हेतु एक सलाहकार मंडल के चयन की भी हमारी योजना है !यदि आप चाहते हैं कि आपकी प्रगतिशील चिंतनधारा व्यापक जनचेतना से जुड़कर पूरी दुनिया में फैले, तो इस मंच पर आपका स्वागत है, आपको केवल अपना नाम,शहर और ई-मेल आई डी नीचे टिपण्णी बॉक्स में अंकित कर देना है !"
मुझे इस बात की ख़ुशी है कि प्रगतिशील ब्लॉग लेखक संघ से जुड़े २५ सदस्यों ने अपने अमूल्य सुझाव प्रेषित किये जिसमें से १६ सदस्यों ने इस संगठन के नेतृत्व की जिम्मेदारी रवीन्द्र प्रभात जी को सौंपने की बात कही. किसी ने उन्हें मुख्य निर्णायक तो किसी ने अध्यक्ष बनाने की अनुशंसा की . इन्हीं अनुशंसाओं के आधार पर मैंने आदरणीय रवीन्द्र प्रभात जी से प्रब्लेस के अध्यक्ष पद स्वीकार करने का अनुरोध किया, किन्तु उन्होंने बार-बार यह कहकर अस्वीकार कर दिया कि "मैं ऐसे महत्वपूर्ण पद के निर्वहन हेतु स्वयं को अक्षम मानता हूँ . आप किसी सुलझे हुए बलॉगर यह जिम्मेदारी दें और जब कभी भी मेरी आवश्यकता महसूस हो मेरा सहयोग और सुझाव दोनों ले लिया करें . मैं हमेशा प्रब्लेस के साथ खडा रहूँगा. इस बात का विश्वास दिलाता हूँ ."
उन्हें मनाने का क्रम विगत छ: महीने से चल रहा था,क्योंकि मेरा मानना है कि रवीन्द्र जी हिंदी ब्लॉग जगत के वेहद समर्पित और सकारात्मक चिट्ठाकारों में से एक हैं और उनके नेतृत्व में निश्चित रूप से प्रब्लेस नया कीर्तिमान स्थापित करने में कामयाब हो सकता है. खैर हमें फरवरी माह में प्रब्लेस का प्रथम महाधिवेशन मनाना है और मैंने तय किया है कि इस महाधिवेशन में हम अपने नए अध्यक्ष का विधिवत चुनाव करेंगे, कार्यकारणी का गठन करेंगे और तमाम पदाधिकारियों का चुनाव करते हुए इसे एक मजबूत संगठन का रूप देंगे . संभव है प्रब्लेस का प्रथम वार्षिक महाधिवेशन लखनऊ में ही हो.
इसलिए प्रथम वार्षिक महा अधिवेशन से पूर्व एडवोकेट रणधीर सिंह सुमन को प्रब्लेस के कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी प्रदान की जा रही है ,क्योंकि प्रगतिशील ब्लॉग लेखक संघ के मनोनीत कार्यवाहक अध्यक्ष श्री रणधीर सिंह सुमन हिंदी ब्लॉग जगत के चर्चित ब्लॉग पोर्टल "परिकल्पना ब्लॉगोत्सव"/लोकसंघर्ष तथा वटवृक्ष पत्रिका के प्रबन्ध सम्पादक तथा बाराबंकी जनपद के वरिष्ठ फौजदारी अधिवक्ता हैं साम्यवादी विचारधारा से गहरे प्रभावित हैं और ब्लॉगजगत में लोकप्रिय भी। उनका मानना है कि प्रब्लेस के केन्द्र में मनुष्य की सामूहिक चिंताएं है इसीलिए इसे व्यक्तिगत मनोविनोद,जय-पराजय, सुख-दुख से ऊपर सामूहिक प्रेम, बन्धुत्व, स्वतंत्रता और समानता को प्रस्तुत करने का माध्यम बनाना होगा । नये मूल्यों के अनुरूप वर्ग, वर्ण,संप्रदायों और जातियों बंटकर ब्लोगिंग करने की प्रवृति से ऊपर उठना होगा । |
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मुझे उम्मीद हीं नहीं वरन पूरा विश्वास है कि श्री सुमन जी के नेतृत्व में प्रगतिशील चिट्ठाकारों और चिट्ठों के हित में कार्य करने हेतु ज्यादा से ज्यादा ब्लोगरों को इससे जोड़ा जाएगा और उनके माध्यम से एक नई क्रान्ति की प्रस्तावना की जायेगी इस आन्दोलन को एक मुकाम तक पहुंचाना है, केवल आप प्रबुद्ध जनों का साथ चाहिए !
शुभकामनाओं के साथ-
आपका-
मनोज पाण्डेय
13 टिप्पणियां:
बहुत-बहुत बधाईयाँ और शुभकामनाएं !
अनुपम पहल ....
बहुत-बहुत बधाईयाँ !
बधाईयाँ और शुभकामनाएं !
शुभकामनायें आपके सदप्रयासों को !
चलिए कोई तो माना ए
मुबारक हो !!!
बहुत-बहुत बधाईयाँ और शुभकामनाएं !
बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनायें !
बहुत-बहुत बधाईयाँ और शुभकामनाएं !
बधाईयाँ !
बधाई और शुभकामनाएँ।
प्रगतिशील चेतना को आगे बढ़ाने का कार्य अत्यन्त महत्वपूर्ण ही नहीं समय की जिम्मेदारी भी है। सुमन जी इसे बखूबी वहन कर पाएंगे ऐसा विश्वास है।
NAANAA BADHAAEYAN AUR SHUBH
KAMNAAYEN .
bahut bahut badhaai.
मेरी तःरफ से भी शुभकामनाएं..संगोष्ठी का विचार काफी अच्छा लगा...देश में हिंदी की सिर्फ मजबूती के लिए seminaar की जायदा जरूरत है..विदेश से पहले देश में खोई हुई ताकत हिंदी फिर से पा ले तो काफी कुछ आसन हो जाये...
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