बुधवार, 9 मार्च 2011

हिंदी ब्लॉगिंग को अभी सही और सकारात्मक दिशा की दरकार

हिंदी ब्लॉगिंग जिस प्रकार ७ वर्ष की अल्पायु में कामयाबी की नयी परिभाषा गढ़ने में कामयाब रही है , उससे एक सकारात्मक संकेत प्राप्त होता है कि आने वाले समय में यह द्रुत गति से आगे बढ़ेगी ! आज हिंदी के ब्लॉगर पूर्ण समर्पण और निष्ठा से हिंदी ब्लागिंग का परचम लहराने में जुटे हैं। भले ही इसका कोई ठोस आर्थिक मॉडल न तैयार हो पाया हो, मगर स्वांतः सुखाय के लिए ही सही वे सकारात्मक दिशा में ब्लॉगिंग कर रहे हैं। किसी के लिए खुद को अभिव्य्कत करने का माध्यम है ब्लॉग,तो किसी के लिए भड़ास निकालने का।


यह सर्वथा सत्य है कि ब्लॉगिंग का आविर्भाव न तो अभिव्यक्ति के औजारों से हुआ है और न ही अकादमिक प्रशिक्षण केंद्रों में रहकर इसका कोई मानक रूप दिया गया है। जिस समय हिंदी समाज हिंदी का ग्लोबल स्तर पर विस्तार देने के क्रम में संगोष्ठियों में रमा रहा, ठीक उसी समय गैर हिंदी विभागी लोग हिंदी फांट, तकनीक और सॉफ्टवेयर को लेकर लगातार माथापच्ची करते रहे। लेकिन हिंदी ब्लॉगिंग में आज की स्थिति पहले की तुलना में काफी भिन्न है , यदि आज कोई भी शोद्धार्थी संवेदनशील होकर शोध करना चाहे , तो संभव है कि ब्लॉग पर ही उसे इसपर कई नयी झलकियां मिल जाए। विज्ञान और प्रौद्योगिकी को लेकर हिंदी लेखन का व्यावहारिक प्रयोग जिसप्रकार ब्लोऔग पर किये जा रहे हैं उससे ये उम्मीद बंधती है आने वाला समय केवल और केवल हिंदी ब्लॉगिंग का ही है ! इसमें कोई संदेह नहीं आने वाले समय में ब्लॉगिंग ही मुख्यधारा में आ जाए और किताब हाशिये पर !

एक सामूहिक प्रयास करके यदि भारत में 54 करोड़ हिंदीभाषी और विदेशों में बसे करीब 40 लाख हिंदीभाषियों के बीच ब्लॉग के माध्यम से पारस्परिक संवाद की स्थिति बनायी जाए तो हम वसुधैव कुटुंबकम की भावना को चरितार्थ करने में सफल हो सकते हैं ! वरिष्ठ ब्लौगर अविनाश वाचस्पति का मानना है कि "आने वाले समय में हिंदी ब्लॉगिंग मोबाईल की तरह बढ़ेगी",वहीँ हिंदी के मुख्या ब्लॉग विश्लेषक रवीन्द्र प्रभात जी का मानना है कि "ब्लोगिंग की दुनिया पूरी तरह स्वतंत्र,आत्म निर्भर और मनमौजी किस्म की है ! यहाँ आप स्वयं लेखक, प्रकाशक और संपादक की भूमिका में होते हैं !ब्लॉग की दुनिया समय और दूरी के सामान अत्यंत विस्तृत और व्यापक है !यहाँ केवल राजनीतिक टिप्पणियाँ और साहित्यिक रचनाएँ ही नहीं प्रस्तुत की जाती वल्कि महत्वपूर्ण किताबों का इ प्रकाशन तथा अन्य सामग्रियां भी प्रकाशित की जाती है . आज हिंदी में भी फोटो ब्लॉग, म्यूजिक ब्लॉग, पोडकास्ट, विडिओ ब्लॉग, सामूहिक ब्लॉग, प्रोजेक्ट ब्लॉग, कारपोरेट ब्लॉग आदि का प्रचलन तेजी से बढ़ा है ! यानी पत्रिकाओं की तुलना में ब्लॉग सर्वाधिक मॉस से जुड़ा हुआ माध्यम है ! वर्ष-२०१० में हिंदी ब्लोगिंग के चहुमुखी विकासमें भले ही अवरोध की स्थिति बनी रही पूरे वर्ष भर,किन्तु बुद्धिजीवियों का एक बड़ा तबका अपने इस आकलन को लेकर करीब-करीब एकमत है कि आने वाला कल हमारा है यानी हिंदी ब्लोगिंग का है ।"


उनका यह भी मानना है कि " हिंदी चिट्ठाकारी उर्जावान ब्लोगरों का एक ऐसा बड़ा समूह बनता जा रहा है जो किसी भी तरह की चुनौतियों पर पार पाने में सक्षम है और उसने अपने को हर मोर्चे पर साबित भी किया है । वस्तुतरू विगत वर्ष की एक बड़ी उपलब्धि और साथ ही आशा की किरण यह रही है कि ब्लॉग के माध्यम से वातावरण का निर्माण केवल वरिष्ठ ब्लोगरों ने ही नहीं किया है ,अपितु एक बड़ी संख्या नए और उर्जावान ब्लोगरों की हुई है, जिनके सोचने का दायरा बहुत बड़ा है । वे सकारात्मक सोच रहे हैं, सकारात्मक लिख रहे हैं और सकारात्मक गतिविधियों में शामिल भी हो रहे हैं ।"


जबकि प्रमुख ब्लोगर जी. के. अवधिया का मत हिंदी ब्लॉगिंग के सन्दर्भ में कुछ इसप्रकार है " महान ब्लोगर वे होते हैं जो हिन्दी ब्लोगिंग के उद्देश्य एवं लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल रहते हैं और यह तो आप जानते ही हैं कि हिन्दी ब्लोगिंग का उद्देश्य न तो रुपया कमाना है, न अपने मातृभाषा की सेवा करना और नेट में उसे बढ़ावा देना है और ना ही पाठकों को उसके पसन्द की जानकारी ही देना है क्योंकि रुपया की हमें कुछ विशेष जरूरत ही नहीं है, हम आगे बढ़ेंगे तो हिन्दी अपने आप ही आगे बढ़ जायेगी ....!"


कुलमिलाकर यही कहा जा सकता है कि ब्लॉगिंग के रूप मे हम सबको एक ऐसा मंच प्राप्त हुआ है…जिसके माध्यम से हम हिन्दी भाषा मे अपने विचार सुगमता पूर्वक जन सामान्य तक पहुंचा सकते हैं, क्योंकि लेखन एक ऐसी शक्ति है जिसके द्वारा बड़ी से बड़ी क्रान्ति घटित की जा सकती है !


मैं तो यही कहूंगा कि इस ताकत का प्रयोग हमे अत्यंत सावधानीपूर्वक करना होगा नहीं तो कहीं ऐसा न हो की लाभ के स्थान पर हानि हो जाये ! कभी कभी इस मंच पर यह देखने को मिलता है कि लोग उनको मिलने वाली प्रतिक्रियाओं से व्यथित हो उठते हैं और फलस्वरूप कई बार आपा तक खो देते हैं जो निश्चित रूप से हिंदी ब्लॉगिंग के लिए वेहतर नहीं माना जा सकता ! इस संसार मे हर व्यक्ति के मत समान नहीं होते,विचारों मे भेद होना स्वाभाविक है,लेकिन एक स्वस्थ वाद विवाद के फलस्वरूप ही हम किसी सही निष्कर्ष पर पहुँचने मे सफल हो पाएंगे ! मेरी समझ से ब्लोगिग का उदेश्य है किसी भी समस्या अथवा विषय का तार्किक अनुसंधान, लेकिन यदि हम विचारों के ग्राह्य नहीं हो पाएंगे तब तक निष्कर्ष पर पहुँचना दूर कि कौड़ी ही साबित होगी ! विचारकों का ऐसा मानना है कि ब्लोगिंग वर्तमान परिपेक्ष्य मे बहुत महत्वपूर्ण विधा है ! इसलिए एक कुशल ब्लॉगर का यही धर्म होना चाहिए कि वह सकारात्मक,प्रेरणादायक, ऊर्जावान, विचारों को लेकर, समस्याओं के समाधान को लेकर, खुशियों के पलों को आपस मे बांटे और हिंदी ब्लॉगिंग के इस पावन मंच पर इस हिंदी और हिंदी भाषा-साहित्य के विस्तार को सकारात्मक गति प्रदान करे !
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12 टिप्‍पणियां:

मनोज कुमार ने कहा…

आपने बिल्कुल सही कहा है। इस माध्यम क हमे सदुपयोग करना चाहिए।

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

ब्लॉगिंग का आकार स्पष्ट होता जा रहा है।

Saleem Khan ने कहा…

main disha de raha hoon aur deta rahunga !

नीरज गोस्वामी ने कहा…

हिंदी ब्लोगिंग दिन दूनी रात चौगनी रफ़्तार से प्रगति करे...हम सब की येही कामना है...

नीरज

रवीन्द्र प्रभात ने कहा…

बिल्कुल सही कहा है आपने।

Sushil Bakliwal ने कहा…

सही सोच । आमीन...

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

सुंदरम् शिवम् सत्यम् ब्लागीरी की दिशा होनी चाहिए।

ZEAL ने कहा…

बहुत सुन्दर लेख । वरिष्ठ ब्लोगर्स के विचार भी पढ़े । बहुत अच्छे लगे। आपकी बातों से पूर्ण सहमती है । मुझे इस बात की ख़ुशी भी है की मैं हिंदी ब्लौगिंग का एक हिस्सा हूँ । आभार

रश्मि प्रभा... ने कहा…

हिंदी ब्लोगिंग के लिए शुभकामनायें ही शुभकामनायें

Padm Singh ने कहा…

मेरा मानना है कि ब्लागिंग की चिंता में लिखी गयी पोस्टों से ब्लागिंग का भला नहीं होने वाला... ज़रूरत है गुटवाद, क्षेत्रवाद और जातिधर्म वाद से विरत रहते हुए रचनात्मक और धनात्मक उत्कर्ष के लिए ब्लागिंग की जाए... ब्लागिंग अपने आप सुदृढ़ होगी,

Amrita Tanmay ने कहा…

aapse purnrupen sahmat hun...sarthak post

Dr. Yogendra Pal ने कहा…

मनोज जी मैंने आपकी यह पोस्ट देखी तथा आपके द्वारा मिटाई गयी पोस्ट भी देखी

मुझे लगता है कि आप ब्लोगिंग का सार्थक उपयोग तो करना चाहते हैं पर तकनीकी जानकारी ना होने की वजह से आप असल में हिन्दी ब्लोगिंग का नुकसान ही कर रहे हैं

मैंने कुछ लेख इस सन्दर्भ में लिखे हैं उम्मीद है आपको फायदा होगा

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