कुछ लोग ऐसे होते हैं जो छोटे-छोटे कार्यों को ढिंढोरा पीटकर करते हैं और कुछ लोग बड़े से बड़ा कार्य चुपके से कर जाते हैं और जबतक उस कार्य के प्रतिफल का भान होता है तबतक उसे विश्वव्यापी मान्यता मिल चुकी होती है । ऐसा ही कुछ हुआ है हिन्दी ब्लॉगिंग में भी ।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2007 में संघणकीय दृष्टि से एक अपरिपक्व साहित्यकार ने ब्लॉगिंग में एक नया प्रयोग प्रारम्भ किया और ‘ब्लॉग विश्लेषण’ के द्वारा ब्लॉग जगत में बिखरे अनमोल मोतियों से पाठकों को परिचित कराने का बीड़ा उठाया। 2007 में पद्यात्मक रूप में प्रारम्भ हुई यह कड़ी 2008 में गद्यात्मक हो चली और 11 खण्डों के रूप में सामने आई। वर्ष 2009 में उन्होंने इस विश्लेषण को और ज्यादा व्यापक रूप प्रदान किया और विभिन्न प्रकार के वर्गीकरणों के द्वारा 25 खण्डों में एक वर्ष के दौरान लिखे जाने वाले प्रमुख ब्लागों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। इसी प्रकार वर्ष 2010 और 2011 में भी यह अनुष्ठान उन्होंने पूरी निष्ठा के साथ सम्पन्न किया और 21 कडियों में ब्लॉग जगत की वार्षिक रिपोर्ट को प्रस्तुत करके एक तरह से ब्लॉग इतिहास लेखन का सूत्रपात किया। ब्लॉगिंग में बेहद करीबी रहे मित्रों की सलाह पर इन्होने इस विषय पर पुस्तक प्रकाशन की योजना बनाई । पुस्तक का नाम दिया हिन्दी ब्लॉगिंग का इतिहास ।
आप समझ गए होंगे कि मैं किसकी बात कर रहा हूँ । जी हाँ, रवीन्द्र प्रभात जी की ।
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि उनके द्वारा लिखी गयी पुस्तक "हिन्दी ब्लॉगिंग का इतिहास" भारत की भोगोलिक सीमाओं को लांघकर सुदूर देशों में अपनी उपस्थिती दर्ज करा चुकी है । दक्षिण एशियाई देशों में सर्वाधिक पढ़ी जाने वाली पुस्तकों की फेहरिस्त में तो यह है ही.... लंदन, जर्मनी, अमेरिका, रूस, यूक्रेन आदि देशों के हिन्दी पाठकों तक भी यह अपनी पहुँच बना चुकी है । सबसे सुखद बात तो यह है कि इस पुस्तक के आधा दर्जन से ज्यादा विदेशी भाषाओं में अनुवाद किए जा रहे हैं, वह भी विदेशी लेखकों के द्वारा । यहाँ तक कि अविनाश वाचस्पति जी के साथ संयुक्त संपादन में प्रकाशित उनकी दूसरी पुस्तक "हिन्दी ब्लोगिंग : अभिव्यक्ति की नई क्रान्ति" भी विदेशी पुस्तकालयों की केवल शोभा ही नहीं बढ़ा रही है, अपितु सराही भी जा रही है ।
कहा गया है कि व्यक्ति बड़ा नहीं होता, उसके कार्य बड़े होते हैं । रवीन्द्र प्रभात के इस कार्य की विश्वव्यापी प्रामाणिकता के आधार पर विश्व के लगभग एक दर्जन भाषाओं की विकिपेडिया पर उन्हें स्थान दिया गया है ।
है न बिचित्र किन्तु सत्य ?
कुछ महत्वपूर्ण लिंक :
रवीन्द्र प्रभात की पुस्तक के लोकार्पण की चर्चा साउथ एशिया टुडे में
रवीन्द्र प्रभात की वर्ल्ड कैट रैंकिंग
लाइब्रेरी ऑफ कॉंग्रेस में रवीन्द्र प्रभात का नेम ओथोरिटी फाइल
हिन्दी ब्लोगिंग का इतिहास लाइब्रेरी ऑफ कॉंग्रेस में
हिन्दी ब्लोगिंग : अभिव्यक्ति की नई क्रांति लाइब्रेरी ऑफ कॉंग्रेस में
रवीन्द्र प्रभात का वर्चुअल इन्टरनेशनल ओथोरिटी
nukkadh@gmail.com
रवीन्द्र प्रभात की वर्ल्ड कैट रैंकिंग
लाइब्रेरी ऑफ कॉंग्रेस में रवीन्द्र प्रभात का नेम ओथोरिटी फाइल
हिन्दी ब्लोगिंग का इतिहास लाइब्रेरी ऑफ कॉंग्रेस में
हिन्दी ब्लोगिंग : अभिव्यक्ति की नई क्रांति लाइब्रेरी ऑफ कॉंग्रेस में
रवीन्द्र प्रभात का वर्चुअल इन्टरनेशनल ओथोरिटी
हिन्दी ब्लोगिंग : अभिव्यक्ति की नई क्रान्ति का वेब वर्गिकरण
गूगल बूक : हिन्दी ब्लोगिंग का इतिहास
गूगल बूक : हिन्दी ब्लोगिंग : अभिव्यक्ति की नई क्रान्ति
जर्मन भाषा में रवीन्द्र प्रभात से संदर्भित जानकारी
गूगल बूक : हिन्दी ब्लोगिंग का इतिहास
गूगल बूक : हिन्दी ब्लोगिंग : अभिव्यक्ति की नई क्रान्ति
जर्मन भाषा में रवीन्द्र प्रभात से संदर्भित जानकारी
यदि आपने अभी तक रवीन्द्र प्रभात जी की उपरोक्त पुस्तकों को नहीं पढ़ा तो देर न करें, शीघ्र प्रकाशक से संपर्क करके एक प्रति अवश्य अपने पास रखें । साथ ही जिन ब्लॉगरों का जिक्र उन पुस्तकों में न हो पाया हो वे अपना विवरण रवीन्द्र प्रभात जी को अवश्य उपलब्ध करा दें, ताकि पुस्तक के द्वितीय संस्करण और अन्य भाषाओं में अनुवादित संस्करण में आप भी शामिल हो सकें ।
प्रकाशक का मेल आई डी :
रवीन्द्र प्रभात जी का मेल आई डी :
अविनाश वाचस्पति जी का मेल आई डी :
nukkadh@gmail.com
35 टिप्पणियां:
हार्दिक बधाई हो रवीन्द्र प्रभात जी को .........
हार्दिक बधाई हो रवीन्द्र प्रभात जी को ...
रवीन्द्र प्रभात जी को हार्दिक बधाई
Congrats to Ravindra ji-Labour never goes behind!
Many more laurels are stil awaited!
रविन्द्र प्रभात जी को हार्दिक बधाई.
Bahut Badhai
रवींद्र प्रभात जी परिकल्पना की कल्पना - कल्पना की परिकल्पना हैं
एक कुशल रचनाकार - बधाई.
एक सशक्त रचनाकार,कुशल मार्गदर्शक,और खोज में कोलम्बस
बहुत बहुत बधाई
बधाई है ।
भाई रविन्द्र प्रभात व श्री अविनाश वाचस्पति जी को इस सफलता के लिए हार्दिक शुभकामनाएं।
रविन्द्र भाई को बहुत बहुत शुभकामनाएँ ..ये यात्रा यूँ ही आगे बढ़ती रहें ..
रविन्द्र भाई को हार्दिक बधाई... शुभकामनाएँ .
अच्छा लगा यह सब पढकर। रविन्द्रजी को बहुत-बहुत बधाइयॉं और अभिनन्दन। आपको धन्यवाद।
बहुत बहुत बधाई
रविन्द्र जी को ढेरों बधाइयाँ.....
हिंदी ने अपने पैर साइबर की दुनिया में जमा ही दिए हैं। ये इसकी पहली मजबूत दस्तक है।
आदरणीय रविन्द्र जी को हार्दिक बधाई .......यह उनके सफल प्रयासों का परिणाम है .....लेकिन भाई एक बात का मुझे खेद है कि इस पुस्तक के लिए अग्रिम राशि भेजने के बाद भी मुझे आज तक यह पुस्तक नहीं मिल पाई है .....कई बार संपर्क किया गया लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिले और कुछ नहीं ......खैर आप सबका इतराना स्वाभाविक है ....लेकिन मैं समझता हूँ कि हमें जीवन में अपनी बात पर कायम रहना चाहिए और जो हम शब्दों के माध्यम से कहते हैं वैसा कर्म भी होना चाहिए .....!!!!
केवल राम जी,
न तो मैं इस पुस्तक का लेखक हूँ और न प्रकाशक । इसलिए यह शिकायत आप प्रकाशक से करें। यदि आपने प्रकाशक को भुगतान किया होगा तो उनसे प्रमाण के साथ लिखित शिकायत करें । इधर-उधर शिकायत करने से समस्या का समाधान नहीं होता । वैसे आपकी शिकायत को मैं प्रकाशक तक पहुंचाने की कोशिश करूंगा। आप भी एक बार पहल करें ।
रवीन्द्र प्रभात जी को हार्दिक बधाई .....
हार्दिक बधाई!
रवीन्द्र प्रभात जी का ब्लॉग का भात यूँ पकता रहे. बधाई व शुभकामनाएँ...
रविन्द्र प्रभात जी को हार्दिक बधाई.
रवीन्द्र प्रभात जी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ. आप ऐसे ही नए कीर्तिमान स्थापित करते रहें.
मील के पत्थर बोलेंगे ही..
वाह क्या बात है. बहुत बढ़िया.
रवीन्द्र प्रभात जी और अविनाश वाचस्पति जी को हार्दिक बधाई!
रवीन्द्र प्रभात जी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ.
ravindra prabhat ji aur avinash ji ko bahut bahut badhai
rachana
मेरी ओर से भी रवीन्द्र जी को बहुत-बहुत बधाइयाँ और शुभकामनायें ।
रविन्द्र प्रभात जी को हार्दिक बधाई.
bahut bahut badhai..
bahut bahut badhai..
आपका ये पोस्ट फेसबुक पर भी है ...
http://www.facebook.com/jaikumar.jha.3
रवीन्द्र प्रभात जी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ.
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