शुक्रवार, 30 सितंबर 2011

क्या हिंदी ब्लॉगजगत इतना महत्वपूर्ण है ?


पुस्तकें तो बहुत पढ़ी होगी आपने, किन्तु कुछ पुस्तकें ऐसी होती है जो इतिहास के पन्नों पर अपनी अमिट छाप छोड़ जाती है . ऐसे ही दो पुस्तकों से हमें रूबरू करा रहे हैं मशहूर पत्रकार फज़ल इमाम मल्लिक और चर्चित ब्लॉगर डा. जाकिर अली रजनीश . सृजनगाथा में छपी इन दोनों पुस्तकों के बारे में बता रहे हैं अपने-अपने फन में माहिर दोनों शाख्शियतें 




रविवार, 11 सितंबर 2011

विश्वब्यापी विधा बन गयी ब्लॉगिंग

"विश्वब्यापी विधा बन गयी ब्लॉगिंग" ये कहा है मेरी दुनिया मेरे सपने ब्लॉग के संचालक डा. जाकिर अली रजनीश ने अमर उजाला के आज के ताज़ा संस्करण में .

इसी क्रम में एक विशेष साक्षात्कार के दौरान हिंदी के मुख्य ब्लॉग विश्लेषक और २५ वर्षों से लेखन कर रहे साहित्यकार श्री रवीन्द्र प्रभात जी ने स्वीकार किया है की ब्लॉगिंग अभिव्यक्ति की नयी क्रान्ति है .

यह हम सभी के लिए वेहद गर्व की बात है की अब प्रिंट मीडिया ब्लॉगिंग के महत्व को समझाने लगा है या फिर इसकी ताकत को महसूस करने लगा है . आज लखनऊ एक मात्र ऐसा शहर बन चुका है जहां हिंदी ब्लॉगिंग को नया आयाम देने वाले दो आदर्श ब्लॉगर निवास करते हैं .

ज्ञातव्य हो की आज लखनऊ स्थित जयशंकर प्रसाद सभागार में श्री रवीन्द्र प्रभात जी की पुस्तक " हिंदी ब्लॉगिंग का इतिहास" का लोकार्पण है. इस पुस्तक के लोकार्पण के पश्चात रवीन्द्र जी हिंदी ब्लॉगिंग के एकलौते इतिहासकार के रूप में प्रतिष्ठापित हो जायेंगे . मेरी हार्दिक शुभकामनाएं !